June 24, 2025
#वज़न घटाना#डाइट प्लान#भारतीय डाइट चार्ट#वजन कम करने के टिप्स#कैलोरी ट्रैकिंग#हेल्दी लाइफस्टाइल#वर्किंग प्रोफेशनल फिटनेस#वजन घटाने का ऐप#Right Intake ऐप#7 दिन की डाइट योजना#प्रोटीन इन्टेक#आसान डाइट#वजन नियंत्रण#कैलोरी काउंटर#AI फिटनेस ऐप#इंडियन फिटनेस ऐप
यह कोई टाइपो नहीं है — यह एक चेतावनी है. इतनी मेहनत के बाद भी ज़्यादातर लोग क्यों नाकाम होते हैं? शायद इसका जवाब इस बात में छुपा है कि हम खाना कैसे ट्रैक करते हैं — सिर्फ़ क्या खाते हैं नहीं, बल्कि उसे कितनी आसानी से समझ पाते हैं. आइए इस चक्र को तोड़ें एक समझदारी भरे नए तरीके से.
वजन घटाना आज उत्तरदायित्व और स्वस्थ जीवन की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बन चुका है। बाज़ार में अनगिनत डाइट प्लान, सप्लीमेंट्स, फिटनेस ट्रेंड्स मिलते हैं, लेकिन इनमें से कितने टिकाऊ और वैज्ञानिक रूप से समर्थित होते हैं? इस गहन विश्लेषण में हम:
वज़न घटाने वाले डाइट्स (Weight Loss Diets) का ऐतिहासिक और वैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य
बेसिक डाइट मॉडल्स (Basic Diets) के सिद्धांत
भारतीय संदर्भ में वज़न घटाने के लिए फ़ूड चार्ट
7-दिन का वज़न घटाने वाला डाइट प्लान (Weight Loss 7 Days Diet Plan), इसके पीछे का लॉजिक
ट्रैकिंग का महत्व (How Tracking is Important) — मानव मनोविज्ञान, डेटा-ड्रिवेन निर्णय, और स्थिरता
वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए सरलता की ज़रूरत (For Working Professionals, How It Needs to Be Easy)
AI-आधारित समाधान: Right Intake ऐप क्यों सबसे उपयुक्त है
इन पहलुओं की गहन समझ आपको सतत वज़न घटाने और स्वास्थ्य बनाए रखने के सफर में निर्णायक लाभ देगी।
प्राचीन मॉडल: भारतीय संदर्भ में आयुर्वेदिक दृष्टिकोण में आहार को तीन दोष (वात, पित्त, कफ) के संतुलन के आधार पर देखा गया। वज़न का संकेत केवल मात्रा नहीं, बल्कि ऊर्जा, पाचन क्षमता, और मानस स्थिति से जोड़ा गया। पश्चिमी ज्योतिष या चीनी चिकित्सा में भी भोजन के गुण (गरम, ठंडा) के आधार पर संतुलन सलाह दी जाती रही।
औद्योगिक क्रांति के बाद: हाई-प्रोसेस्ड फूड्स का उदय, शर्करा और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स का अधिक सेवन, शारीरिक श्रम में कमी — इन सबने मोटापे की समस्या बढ़ाई।
20वीं सदी मध्य: "लो-फैट" आंदोलन: यह मान्यता कि चर्बी से बचने पर वजन घटेगा, लेकिन अक्सर लो-फैट उत्पादों में शक्कर ज्यादा मिलाई जाती, जिससे ग्लूकोज और इंसुलिन प्रतिक्रिया अप्रत्याशित रूप से बढ़ी।
सितंबर 1970 के बाद: "कैलोरी इन-वेज़स-कैलोरी आउट" (CICO) सिद्धांत का उदय: ऊर्जा संतुलन का बुनियादी सिद्धांत, लेकिन यह मात्रात्मक मॉडल था — गुणवत्ता, मैक्रोन्यूट्रिएंट्स, हार्मोनल प्रतिक्रिया, और व्यक्तिगत भिन्नताओं को पूरी तरह नहीं पकड़ता।
1990-2000 का दशक: लो-कार्ब, अटकिन्स, और बाद में केटो; उच्च-प्रोटीन डाइट्स; इंटरमिटेंट फास्टिंग। इनके पीछे विचार: इंसुलिन स्तर नियंत्रित कर के वसा भंडारण कम करना। मगर हर व्यक्ति की मेटाबॉलिज़्म प्रतिक्रिया अलग, इसलिए वैरिएशन बड़ी भूमिका निभाता है।
हाल के दशक: माइंडफुल ईटिंग, इंट्यूटिव ईटिंग, पालेओ, मेडिटेरेनियन डायट — स्वास्थ्य और जीवनशैली के संतुलन पर जोर।
कैलोरी डिफिसिट: वज़न घटाने के लिए ऊर्जा सेवन को ऊर्जा खर्च से कम रखना अनिवार्य है। यह thermodynamics का मूल सिद्धांत है।
मेटाबॉलिक एडैप्टेशन (Adaptive Thermogenesis): जब लंबे समय तक कैलोरी कम की जाती है, शरीर मेटाबॉलिज़्म को धीमा कर सकता है। इसलिए शुरुआती तेजी के बाद प्लाटो की स्थिति आती है।
हार्मोनल प्रभाव: लेप्टिन, घ्रेलिन, इंसुलिन, कोर्टिसोल आदि हार्मोन भूख, सैचिएटी, और ऊर्जा भंडारण को प्रभावित करते हैं। केवल कैलोरी से परे, भोजन की गुणवत्ता हार्मोनल प्रतिक्रिया को प्रभावित करती है।
प्रोटीन की भूमिका: उच्च-प्रोटीन सेवन सैचिएटी बढ़ाता है, मांसपेशियों का संरक्षण करता है, और थर्मिक इफ़ेक्ट ऑफ फूड (TEF) बढ़ाता है। इसलिए वज़न घटाने में प्रोटीन पर विशेष ध्यान होता है।
माइक्रोबायोम: आंत के बैक्टीरिया भी मेटाबॉलिज़्म पर प्रभाव डालते हैं, हालाँकि यह क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है और अभी क्लिनिकल गाइडलाइन्स में पूरी तरह शामिल नहीं।
व्यक्तिगत भिन्नताएँ: जीन, उम्र, लिंग, जीवनशैली, नींद, तनाव, और गतिविधि स्तर। “वन-साइज़-फिट्स-ऑल” डाइट असलियत में बहुत कम ही कारगर होती है।
यहाँ कुछ बुनियादी मॉडलों का वर्णन और उनके पीछे का तर्क:
सिद्धांत: कुल कैलोरी सेवन को नियंत्रित करें।
फल/हानि: सरल गणितीय मॉडल, लेकिन मापनीयता चुनौतीपूर्ण (खासकर मिक्स्ड इंडियन भोजन में)। ट्रैकिंग की निरंतरता ज़रूरी।
सिद्धांत: कुल कैलोरी के साथ प्रोटीन, कार्ब, फैट अनुपात सेट करें। उदाहरण: 40% कार्ब, 30% प्रोटीन, 30% फैट।
फल/हानि: अधिक सटीक, मांसपेशी संरक्षण के लिए लाभकारी; पर मापने में जटिल (खासकर घर का खाना)।
सिद्धांत: खाने-पीने की विंडो सीमित करें (जैसे 16:8, 18:6)। ऊर्जा सेवन स्वचालित रूप से घट सकता है।
फल/हानि: कुछ के लिए आसान; लेकिन भोजन गुणवत्ता और मात्रा बिना ट्रैक किए अनदेखी हो सकती है।
सिद्धांत: कार्बिहाइड्रेट्स न्यूनतम करके केटोसिस में शिफ्ट होना।
फल/हानि: आरंभिक तेजी, मगर लंबे समय तक पालन कठिन, पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, और सामाजिक/सांस्कृतिक खाने-पीने में बाधा।
सिद्धांत: हृदय-स्वास्थ्यमय वसा (जैसे जैतून का तेल), सब्ज़ियाँ, फल, साबुत अनाज, प्रोटीन स्रोत (मछली, दाल), कम प्रोसेस्ड फूड। स्थिरता और स्वास्थ्य पर जोर।
फल/हानि: दीर्घकालीन स्वस्थ जीवन शैली, लेकिन वज़न घटाने के लिए भी कैलोरी नियंत्रण ज़रूरी।
भारतीय भोजन विविध और फ्लेवर्स में समृद्ध है, लेकिन मापना चुनौतीपूर्ण। निम्न चार्ट एक प्रारंभिक मार्गदर्शिका है।
फल+नट्स: सेब/नाशपाती + 5–6 बादाम/काजू।
ड्राई स्नैक्स: मखाना भुना हुआ (नमक अल्प), भुना चना, स्प्राउट्स सलाद।
प्रोटीन शॉट: एक उबला अंडा (यदि मान्य हो), पनीर क्यूब्स।
पानी: दिन में कम से कम 2-3 लीटर।
ग्रीन टी / हर्बल टी: बिना शक्कर।
कॉफी: बिना चीनी, सीमित मात्रा में।
डिटॉक्स वाटर: नींबू-पुदीना (पर पूरक नहीं)।
स्वस्थ वसा: एक-स्पून जैतून का तेल या सरसों का तेल (रात के भोजन में), नारियल तेल उपयोग सीमित।
बटर/Ghee: बहुत कम मात्रा (स्वादानुसार पर कैलोरी जोड़ता है)।
घरेलू भोजन: पैकेज्ड फ़ूड्स से बचें।
मिश्रित व्यंजन: AI आधारित ट्रैकिंग (जैसे Right Intake) उपयोग करें, क्योंकि मैनुअल एस्टिमेट कठिन।
यह योजना एक प्रारंभिक ढांचा है ताकि कैलोरी डिफिसिट, पोषण संतुलन, और मेटाबॉलिज़्म को स्टिमुलट किया जा सके। व्यक्तिगत आवश्यकताओं (उम्र, लिंग, वजन, गतिविधि) अनुसार कैलकुलेट करें।
BMR & TDEE कैलकुलेशन: Mifflin-St Jeor फ़ॉर्मूला से BMR निकालें, फिर एक्टिविटी फ़ैक्टर जोड़कर TDEE प्राप्त करें।
कैलोरी डिफिसिट सेट: सामान्यतः 10–20% deficit; अत्यधिक deficit से मेटाबॉलिज़्म धीमा हो सकता है।
प्रोटीन लक्ष्य: 1.6–2.2g/kg वजन; फैट 20–30% कुल कैलोरी; बचे कार्ब्स से पूरा करें।
ख़रीदारी (Shopping): ताज़ी सब्ज़ियाँ, साबुत अनाज, प्रोटीन स्रोत (दाल, अंडा/पनीर/चिकन/मछली), नट्स-बादाम, हर्बल टी आदि।
सुबह: ओट्स + दूध + फल (जैसे सेब) + छाछ
मध्याह्न: 2 रोटी + मूंग दाल + भुनी सब्ज़ी + सलाद
शाम: स्प्राउट्स सलाद + ग्रीन टी
रात: ग्रिल्ड पनीर/चिकन + सब्ज़ी सूप
ट्रैकिंग: हर भोजन की फोटो लें, Right Intake से कैलोरी और मैक्रो जानें और लॉग करें।
सुबह: मूंग दाल चीला + नारियल चटनी (कम तेल)
मध्याह्न: ब्राउन राइस + राजमा/चना + सलाद
शाम: भुनी चना + ग्रीन टी
रात: ग्रिल्ड टोफू/चिकन सलाद + हल्का सूप
ट्रैकिंग: अंदाज़ा न लगाएं—AI से सटीक अनुमान लें।
सुबह: मल्टीग्रेन टोस्ट + उबला अंडा/पनीर + सब्ज़ी साइड
मध्याह्न: ज्वार/बाजरा रोटी + पनीर/सोया/चिकन करी + सलाद
शाम: मखाना + ग्रीन टी
रात: वेजिटेबल सूप + सलाद + 1 स्पून योगर्ट
सुबह: उपमा + सब्ज़ियाँ + छाछ
मध्याह्न: क्विनोआ/ब्राउन राइस + दाल + भुनी सब्ज़ी
शाम: फल + नट्स
रात: ग्रिल्ड फिश/चिकन + ब्रोकोली/मिक्स वेज सलाद
सुबह: दलिया (पूरी अनाज) + दूध + नट बटर (थोड़ा)
मध्याह्न: 2 रोटी + पनीर भुर्जी + सलाद
शाम: स्प्राउट्स + ग्रीन टी
रात: वेजिटेबल स्टिर-फ्राई + टोफू/चिकन
सुबह: पोहा + सब्ज़ियाँ + छाछ
मध्याह्न: जई-राइज़ बोल्ड बाउल (ब्राउन राइस + सब्ज़ियाँ + प्रोटीन स्रोत) + दही
शाम: उबला अंडा / मखाना
रात: लाइट सूप + सलाद + ग्रिल्ड शाकाहारी/नॉन-शाकाहारी
सुबह: स्मूदी बाउल (दही/बंद केला + बेरीज + फ्लैक्ससीड्स)
मध्याह्न: बाजरे की रोटी + दाल + सब्ज़ी + सलाद
शाम: फल + नट्स
रात: हल्की सूप + टोफू/चिकन + हरी सब्ज़ियाँ
“नोट: यदि कार्यदिवस हो तो समयानुसार ब्रेकफ़ास्ट, लंच, स्नैक और डिनर सेट करें। ट्रैवल/मीटिंग के हिसाब से फ़ोटो ट्रैकिंग करें।”
रिवीजन और एडैप्टेशन: रोज़ का डेटा देखें—यदि वजन घटना रुका, तो कैलोरी या मैक्रो में हल्का परिवर्तन।
प्लाटो से निपटना: मेटाबॉलिज़्म धीमा हो सकता है; हर कई दिनों में थोड़ा-थोड़ा रीव्यू और रिकवरी (रीफ़ीड डे) शामिल करें ताकि थकान कम हो।
सैचिएटी और माइंडफुल ईटिंग: भोजन के स्वाद, टेक्सचर का आनंद लें; तेज़ खाना न खाएं। ट्रैकिंग ऐप से जानकारी मिलने पर संतुष्टि बढ़ती है।
विज़ुअल फीडबैक: जब आप फोटो से तत्काल कैलोरी जान पाते हैं, तो निर्णय सशक्त होते हैं। अनुमान पर निर्भरता घटती है, आत्मविश्वास बढ़ता है।
प्रतिबद्धता और जवाबदेही: लॉगिंग से इच्छा बढ़ती है कि दैनिक लक्ष्य पूरा हो। ऐप रिमाइंडर, रिपोर्ट, ट्रेंड ग्राफ़ जैसी सुविधाएँ जवाबदेही बढ़ाती हैं।
डेटा-ड्रिवेन निर्णय: भावनात्मक खाने (इमोशनल ईटिंग) को ट्रैकिंग से पहचानना आसान—डेटा दिखाता है कि तनाव में अधिक कैलोरी ली जा रही है।
AI-आधारित फोटो ट्रैकिंग: भारतीय व्यंजन जटिल मिलावट होते हैं। AI इमेज से घटकों का अनुमान लगाकर कैलोरी और मैक्रो डेटा देता है। मैनुअल लॉगिंग और स्केल का काम आसान।
डेटा विश्लेषण: समय के साथ, आप ट्रेंड्स देख सकते हैं: कौन-से भोजन के बाद ऊर्जा, वजन, भूख कैसा महसूस हुआ। ऐप यादृच्छिक सुझाव दे सकता है कि प्रोटीन बढ़ाएं या कार्ब घटाएं।
इंटीग्रेशन: फिटनेस ट्रैकर, स्मार्टवॉच डेटा, नींद ट्रैकिंग—एक्सटर्नल API से जुड़कर समग्र स्वास्थ्य परिदृश्य मिलता है।
अनुसंधान-आधारित एल्गोरिदम: ऐप में AI/ML मॉडल व्यक्तिगत डेटा (उम्र, लिंग, गतिविधि, स्वास्थ्य स्थिति) के आधार पर फीडबैक देता है।
डायनामिक एडजस्टमेंट: जैसे-जैसे वजन घटे, कैलोरी-टारगेट अपने आप अपडेट हो सकता है।
धैर्य और दीर्घकालिक दृष्टि: डेटा से स्पष्ट होता है कि छोटे-छोटे परिवर्तन लंबे समय में बड़े परिणाम लाते हैं।
ट्रैकिंग से शिक्षा: उपयोगकर्ता समझता है कि कौन-से खाद्य विकल्प बेहतर हैं, किस समय भूख अधिक होती है, और कैसे सामाजिक घटनाओं में संतुलन बनाए।
नियमित समीक्षा: साप्ताहिक/मासिक रिपोर्ट से प्रेरणा मिलती है, प्लान संशोधन होता है।
समय की कमी: लंबे मीटिंग्स, ट्रैवल, अनियमित भोजन समय।
तनाव: इमोशनल ईटिंग की संभावना अधिक।
अनियमित नींद: मेटाबॉलिज़्म पर नकारात्मक असर।
सोशल ईवेंट्स: आउटडोर लंच/डिनर, ऑफिस पार्टीज में ट्रैकिंग झंझट महसूस हो सकती है।
फोटो-आधारित ट्रैकिंग: केवल फ़ूड की फोटो खींचें—तुरंत जानकारी। मीटिंग रैक पर फोन से तुरंत कैलकुलेशन।
बातचीत के दौरान लॉग: व्यस्त समय में भी रिमाइंडर/वॉयस एंट्री से लॉगिंग।
एक-क्लिक सुझाव: ऐप सुझाव दे कि आज का शेष कैलोरी बचेगा या नहीं, और शाम के स्नैक में क्या लें।
इंटीग्रेशन: कैलेंडर के साथ सिंक—एक्सरसाइज़ टाइम शेड्यूल करें। स्मार्टवॉच डेटा से सक्रियता ट्रैक।
इमोशनल ईटिंग अलर्ट: ट्रेंड एनालिसिस से पता चलता है कि तनावपूर्ण दिनों में अधिक कैलोरी ली जा रही है; नोटिफिकेशन के जरिए माइंडफुल ब्रेक का सुझाव।
माइक्रो-हैबिट: हर भोजन की फोटो खींचने को आदत बनाएं। यह सरल, तेज़ और बिना बाधा वाला तरीका है।
रिवॉर्ड सिस्टम: ऐप में स्वयं-निर्धारित लक्ष्य और रिवार्ड (जैसे डिजिटल बैज या व्यक्तिगत मोटिवेशनल नोट्स)।
समूह और सोशल फीचर्स: वर्क टीम में साथी जोड़ें, स्वस्थ प्रतियोगिता/सपोर्ट ग्रुप।
इमेज प्रोसेसिंग एल्गोरिदम: मशीन लर्निंग मॉडल जो भारतीय व्यंजनों के पैटर्न समझे, मल्टी-कंपोनेन्ट डिश में कैलोरी, प्रोटीन, कार्ब, फैट विभाजन।
डिप्थ सेंसर/कैलिब्रेशन: यदि उपयोगकर्ता का डिवाइस सपोर्ट करता है तो पोर्शन साइज़ अनुमान और सटीकता में वृद्धि।
क्लाउड-आधारित प्रोसेसिंग: तुरंत रिटर्न, न्यूनतम लोडिंग टाइम।
अडैप्टिव मॉडल: यूज़र फीडबैक (यदि सही/गलत मार्क किया) से मॉडल लगातार उन्नत होता है।
पर्सनलाइज्ड फीडबैक: वजन, लक्ष्य, गतिविधि अनुसार कैलोरी टारगेट्स स्वतः अपडेट।
इंटीग्रेशन: फिटनेस ट्रैकर, स्मार्टवॉच, कैलेंडर, और हेल्थ ऐप्स के साथ सिंक।
रिपोर्टिंग डैशबोर्ड: ग्राफ, ट्रेंड, आगे की स्ट्रेटेजी।
रिमाइंडर और नोटिफिकेशन: भोजन/पानी/एक्टिविटी रिमाइंडर।
डेटा प्राइवेसी: यूज़र डेटा एन्क्रिप्शन, गोपनीयता-संगत पॉलिसी, लोकल डेटा स्टोरेज विकल्प।
मैनुअल लॉगिंग की तुलना में समय बचत: केवल फोटो ≥ मिनटो की बचत।
सटीकता: भारतीय डिश का विशेष प्रशिक्षण मॉडल।
उपयोग में सरल: UI/UX वर्किंग प्रोफेशनल्स की जरूरत अनुसार डिज़ाइन।
निरंतर सुधार: यूज़र फीडबैक लूप से AI मॉडल अपडेट।
स्केलेबिलिटी: क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर बड़े यूज़र बेस को संभालता है।
ऑफिस लंच: गैर-जान-पहचान वाले कैफ़े में थाली हो, फोटो से तुरंत ट्रैक।
ट्रैवलिंग प्रोफेशनल: होटल का बफे या स्थानीय भोजन, फोटो से कैलोरी अक्युरेट अनुमान।
वर्क फ्रॉम होम: घर में बनाया खाना, तुरंत ट्रैकिंग।
इमोशनल ईटिंग: स्ट्रेस इंडिकेटर से अलर्ट, माइंडफुल ब्रेक की सलाह।
फैमिली शेयरिंग: परिवार के लिए हेल्दी रेसिपी सुझाव, ग्रुप चैट में साझा करें।
अनुमान है, पर पूरी तरह सटीक नहीं: बस अनुमान बेहतर बनाना निरंतर मॉडल ट्रेनिंग से संभव।
विशेष परिस्थितियाँ: प्रोसेस्ड पैकेज्ड फूड्स में लेबलिंग जरूरी—ऐप से फोटो के अलावा लेबल जानकारी भी ऐड करें।
स्वास्थ्य स्थितियाँ: डायबिटीज़, हाइपरटेंशन आदि के विशेष डाइटरी गाइडेंस आइटम ऐप में शामिल किए जा सकते हैं, पर डॉक्टर की सलाह अनिवार्य।
यूज़र एंगेजमेंट: लगातार उपयोग बनाए रखने में चुनौती—इसी लिए रिवॉर्ड और सोशल फीचर्स ज़रूरी।
वज़न घटाना केवल कैलोरी की गत्ती जौड़ने-घटाने का खेल नहीं: हार्मोनल संतुलन, मेटाबॉलिज़्म एडैप्टेशन, मानसिक पहलू, और व्यक्तिगत जीवनशैली मायने रखते हैं।
ट्रैकिंग ज़रूरी है: अंदाजे नहीं, डेटा-संचालित निर्णय से निरंतर सुधार।
भारतीय खान-पान की चुनौतियाँ: मिश्रित व्यंजन, घर का खाना, खाने के समय और सांस्कृतिक आयोजनों में भोजन। AI-आधारित फोटो ट्रैकिंग समाधान को विशेष महत्व देता है।
वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए सरलता: समय Constraints में सहज UX/UI, रिमाइंडर, तत्काल फीडबैक — बगैर बाधा के ट्रैकिंग।
दीर्घकालिक दृष्टि: त्वरित परिणाम की बजाय सतत सुधार, लिफाफे में छोटे-छोटे बदलाव, आदत निर्माण।
AI-आधारित समाधान का महत्व: मापनीयता आसान, सटीकता में सुधार, व्यक्तिगतकरण, और यूज़र एंगेजमेंट।
डेटा प्राइवेसी: व्यक्तिगत स्वास्थ्य डेटा का सुरक्षित प्रबंधन क्रिटिकल—विश्वास बनाए रखने के लिए।
विजुअल अधिग्रहण: फोटो ट्रैकिंग उपयोगकर्ता को भोजन के प्रति सचेत बनाती है, जो मनोवैज्ञानिक रूप में स्थिरता लाती है।
वज़न घटाना सतत यात्रा है, जिसमें केवल डाइट प्लान का पालन करना पर्याप्त नहीं — समझ, ट्रैकिंग, और अनुकूलन की ज़रूरत होती है। कामकाजी जीवन की भागदौड़ में जब समय सीमित हो, तब AI-आधारित फोटो ट्रैकिंग (Right Intake) जैसे समाधान असली अंतर पैदा करते हैं।
पहला कदम: अपने BMR/TDEE कैलकुलेट करें और शुरुआती कैलोरी-टारगेट सेट करें।
दूसरा कदम: ट्रैकिंग आदत डालें — हर भोजन की फोटो।
तीसरा कदम: Right Intake ऐप डाउनलोड करें, फोटो से कैलोरी/मैक्रो जानें।
चौथा कदम: साप्ताहिक समीक्षा और समायोजन। टीमें, साथी, सोशल ग्रुप्स से समर्थन लें।